04 जून 2025 का पञ्चाङ्ग: महेश नवमी, व्यतिपात योग व गंगा दशहरा का महत्व

♈ दिनांक – 04 जून 2025
♉ दिन – बुधवार
♊ विक्रत संवत 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)
♋ शक संवत -1947
♌ अयन – उत्तरायण
♍ ऋतु – ग्रीष्म ॠतु
♎ मास – ज्येष्ठ
♏ पक्ष – शुक्ल
♐ तिथि – नवमी रात्रि 11:54 तक तत्पश्चात दशमी
♑ नक्षत्र – उत्तराफाल्गुनी 05 जून रात्रि 03:35 तक तत्पश्चात हस्त
♒ योग – वज्र दिन 08:29 तक तत्पश्चात सिद्धि
♓ राहुकाल – मध्याह्न 12:05 से 13:48 बजे तक
🌞 सूर्योदय -05:12
🌚 सूर्यास्त -18:57
❌ दिशाशूल – उत्तर दिशा मे
🛕 व्रत पर्व विवरण – महेश नवमी
💥 विशेष- नवमी को लौकी खाना गोमांस के समान त्याज्य है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

🛕 व्यतिपात योग
➡️ 05 जून 2025 गुरुवार को दिन 09:14 से 06 जून, शुक्रवार को दिन 10:13 तक व्यतिपात योग है।
🚩 व्यतिपात योग की ऐसी महिमा है कि उस समय जप पाठ प्राणायम, माला से जप या मानसिक जप करने से भगवान की और विशेष कर भगवान सूर्यनारायण की प्रसन्नता प्राप्त होती है जप करने वालों को, व्यतिपात योग में जो कुछ भी किया जाता है उसका १ लाख गुना फल मिलता है।

📅 03 जून के पंचांग में भी कई खास योग बताए गए थे। यदि आपने ना पढ़ा हो तो यहाँ देखें
🚩 वाराह पुराण में ये बात आती है व्यतिपात योग की।

🛕 गंगा दशहरा
➡ 05 जून 2025 गुरुवार को गंगा दशहरा समाप्त ।
🚩 नारद पुराण के अनुसार ज्येष्ठ मास को मंगलवार को शुक्लपक्ष में दशमी तिथि को हस्त नक्षत्र में जाह्नवी का पहाडों से मर्त्यलोक में अवतरण हुआ। इस दिन वह आद्यगंगा स्नान करने पर दसगुने पाप हर लेती हैं।
ज्येष्ठे मासि क्षितिसुतदिने शुक्लपक्षे दशम्यां हस्ते शैलादवतरदसौ जाह्नवी मर्त्यलोकम् ।
पापान्यस्यां हरति हि तिथौ सा दशैषाद्यगंगा पुण्यं दद्यादपि शतगुणं वाजिमेधक्रतोश्च।।
🚩 ब्रह्म पुराण अध्याय 63
शुक्लपक्षस्य दशमी ज्येष्ठे मासि द्विजोत्तमाः। हरते दश पापानि तस्माद्दशहरा स्मृता।। ६३.१५ ।।
यस्तस्यां हलिनं कृष्णं पश्येद्भद्रां सुसंयतः। सर्वपापाविनिर्मुक्तो विष्णुलोकं व्रजेन्नरः।। ६३.१६ ।।
🚩 ज्येष्ठ मास के शुक्लपक्ष की दशमी तिथि दस पापों को हरती है इसलिए उसे दशहरा कहा गया है। उस दिन जो लोग अपनी इन्द्रियों को वश में रखते हुए श्रीकृष्ण, बलराम और सुभद्रा का दर्शन करते हैं वे सब पापों से मुक्त हो विष्णुलोक जाते हैं।
🚩 स्कन्दपुराण में लिखा हुआ है की
ज्येष्ठस्य शुक्लदशमी संवत्सरमुखी स्मृता।
तस्यां स्नानं प्रकुवर्तीत दानञ्चैव विशेषतः॥
ज्येष्ठ शुक्ला दशमी संवत्सरमुखी मानी गई है इसमें स्नान और दान तो विशेष करके करें।
यां काञ्चित् सरितं पाप्य दद्याद्दर्भैस्तिलोदकम्।
मुच्यते दशमिः पापैः सुमहापातकोपमैः॥
किसी भी नदी पर जाकर अर्घ्य (पू‍जादिक) एवं तिलोदक (तीर्थ प्राप्ति निमित्तक तर्पण) अवश्य करें। ऐसा करने वाला महापातकों के बराबर के दस पापों से छूट जाता है।

🛕 गंगा दशहरा
➡ 05 जून 2025 गुरुवार को गंगा दशहरा समाप्त ।
भारतीय संस्कृति में गंगा का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म में भी गंगा का देव नदी कहा गया है यानी देवताओं की नदी। गंगा दशहरा के मौके पर हम आपको बता रहे हैं गंगा जल के कुछ आसान उपाय।
➡ अगर परिवार के लोगों में नहीं बनती तो रोज सुबह पूरे घर में गंगा जल छिड़के ।इससे घर की नेगेटिविटी कम होगी और शांति का माहौल बनेगा ।
➡ दक्षिणावर्ती शंख में गंगा जल भर कर उससे भगवान विष्णु का अभिषेक करें ।इससे भगवान विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होगी ।
➡ परिवार में सुख-समृद्धि चाहते हैं तो पीपल के पेड़ पर रोज गंगा जल चढ़ाएं, क्योंकि पीपल में भगवान विष्णु का वास मना गया है ।
➡ दुकान में किसी ने तंत्र प्रयोग किया हो तो पूरी दुकान में गंगा जल छिड़के ।इससे उस जगह की नेगेटिविटी खत्म हो जाएगी और व्यवसाय चलने लगेगा ।

🕉️🛕🚩 डॉ० बिपिन पाण्डेय, सहा० आचार्य , ज्योतिर्विज्ञान विभाग,लखनऊ विश्वविद्यालय📱8756444444

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