वरूथिनी एकादशी विशेष

♈ दिनांक – 24 अप्रैल 2025
♉ दिन – गुरूवार
♊ विक्रम संवत – 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)
♋ शक संवत -1947
♌ अयन – उत्तरायण
♍ ऋतु – ग्रीष्म ॠतु
♎ मास – वैशाख (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार चैत्र)
♏ पक्ष – कृष्ण
♐ तिथि – एकादशी दोपहर 02:32 तक तत्पश्चात द्वादशी
♑ नक्षत्र – शतभिषा सुबह 10:49 तक तत्पश्चात पूर्वभाद्रपद
♒ योग – ब्रह्म शाम 03:56 तक तत्पश्चात इन्द्र
♓ राहुकाल – दोपहर 13:42 से 15:20 बजे तक
🌞 सूर्योदय -05:34
🌚 सूर्यास्त -18:35
❌ दिशाशूल – दक्षिण दिशा मे
🛕 व्रत पर्व विवरण- वरूथिनी एकादशी, वल्लभाचार्य जयन्ती, पंचक
💥 विशेष- हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l   राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।
💥 आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l
💥 एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।
💥 एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।
💥 जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।

🛕 वरूथिनी एकादशी
➡️ 24 अप्रैल 2025 गुरुवार को वरूथिनी एकादशी है ।
वरूथिनी एकादशी (सौभाग्य, भोग, मोक्ष प्रदायक व्रत; १०,००० वर्षों की तपस्या के समान फल | माहात्म्य पढ़ने-सुनने से १००० गोदान का फल )

🚩 आईना टूटे ना रखे
👉🏻 इसे टूटे हुये कंचों में चेहरा देखना अपशकुन माना जाता है | घर में आईना टूट गया हो तो उसको निकाल देना चाहिये दूसरा लगा देना चाहिए |

🕉️🛕🚩 डॉ० बिपिन पाण्डेय, ज्योतिर्विज्ञान विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ 📱8756444444

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