♈ दिनांक – 06 नवम्बर 2023
♉ दिन – सोमवार
♊ विक्रम संवत – 2080 (गुजरात – 2079)
♋ शक संवत -1945
♌ अयन – दक्षिणायन
♍ ऋतु – हेमंत ॠतु
♎ मास – कार्तिक (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार आश्विन)
♏ पक्ष – कृष्ण
♐ तिथि – नवमी 07 नवम्बर प्रातः 05:50 तक तत्पश्चात दशमी
♑ नक्षत्र – अश्लेशा दोपहर 01:23 तक तत्पश्चात मघा
♒ योग – शुक्ल दोपहर 02:26 तक तत्पश्चात ब्रह्म
♓ राहुकाल -प्रातः 07:42 से 09:04 तक
🌞 सूर्योदय-06:19
🌚 सूर्यास्त-17:20
❌ दिशाशूल – पूर्व दिशा में
🚩 व्रत पर्व विवरण –
💥 विशेष – नवमी को लौकी खाना गोमांस के समान त्याज्य है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🛕 धनतेरस के दिन दीपदान
👉🏻 पहले बताई विधि के अनुसार यमदीपदान करें।
🔥 निर्धनता दूर करने के लिए अपने पूजाघर में धनतेरस की शाम को अखंड दीपक जलाना चाहिए जो दीपावली की रात तक जरूर जलता रहे . अगर दीपक भैयादूज तक अखंड जलता रहे तो घर के सारे वास्तु दोष भी समाप्त हो जाते हैं.
🔥 घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक लगाएं। बत्ती में रुई के स्थान पर लाल रंग के धागे का उपयोग करें साथ ही दिए में थोड़ी सी केसर भी डाल दें।
🔥 घर के तेल का दीपक प्रज्वलित करें तथा उसमें दो काली गुंजा डाल दें, गन्धादि से पूजन करके अपने घर के मुख्य द्वार पर अन्न की ढ़ेरी पर रख दें। साल भर आर्थिक अनुकूलता बनी रहेगी। स्मरण रहे वह दीप रातभर जलते रहना चाहिये, बुझना नहीं चाहिये ।
🛕 दीपावली पर लक्ष्मी प्राप्ति की साधना-विधियाँ
➡ 10 नवम्बर 2023 शुक्रवार को धनतेरस है ।
👉🏻 धनतेरस से आरम्भ करें
➡ सामग्री:
दक्षिणावर्ती शंख, केसर, गंगाजल का पात्र,धूप , अगरबत्ती, दीपक, लाल वस्त्र l
➡ विधि: साधक अपने सामने गुरुदेव व लक्ष्मीजी के फोटो रखें तथा उनके सामने लाल रंग का वस्त्र बिछाकर उस पर दक्षिणावर्ती शंख रख दें l उस पर केसर से सतिया बना लें तथा कुम कुम से तिलक कर दें l
🚩 बाद में स्फटिक की माला से निम्न मंत्र की ७ मालाएँ करें l तीन दिन तक ऐसा करने योग्य है l इतने से ही मंत्र-साधना सिद्ध हो जाती है l मंत्रजाप पूरा होने के पश्चात् लाल वस्त्र में शंख को बांधकर घर में रख दें l
🚩 कहते हैं- जब तक वह शंख घर में रहेगा, तब तक घर में निरंतर उन्नति होती रहेगी l
🌷 मंत्र : ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं महालक्ष्मी धनदा लक्ष्मी कुबेराय मम गृहे स्थिरो ह्रीं ॐ नमः l
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