♈ दिनांक – 25 सितम्बर 2023
♉ दिन – सोमवार
♊ विक्रम संवत – 2080 (गुजरात – 2079)
♋ शक संवत -1945
♌ अयन – दक्षिणायन
♍ ऋतु – शरद ॠतु
♎ मास – भाद्रपद
♏ पक्ष – शुक्ल
♐ तिथि – दशमी प्रातः 07:55 तक तत्पश्चात एकादशी
♑ नक्षत्र – उत्तराषाढा दिन 11:55 तक तत्पश्चात श्रवण
♒ योग – अतिगण्ड शाम 03:23 तक तत्पश्चात सुकर्मा
♓ राहुकाल -प्रातः 07:26 से 08:57 बजे तक
🌞 सूर्योदय-05:56
🌚 सूर्यास्त-18:00
❌ दिशाशूल- पूर्व दिशा में
🛕 व्रत पर्व विवरण – पद्मा-परिवर्तिनी एकादशी (स्मार्त) व्रत,एकादशी क्षय तिथि
💥 विशेष – हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l # राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।#
💥 आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l
💥 एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।
💥 एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।
💥 जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।
🛕 पद्मा एकादशी
🚩 एकादशी व्रत के लाभ
➡️ 25 सितम्बर 2023 सोमवार को प्रातः 07:56 से 26 सितम्बर,मंगलवार को प्रातः 05:00 तक एकादशी है।
💥 विशेष – 25 सितम्बर, सोमवार को पद्मा-परिवर्तिनी एकादशी (स्मार्त) एवं 26 सितम्बर, मंगलवार को पद्मा-परिवर्तिनी एकादशी (भागवत) 26 सितम्बर,मंगलवार को एकादशी का व्रत उपवास रखें।
🚩 पद्मा एकादशी के व्रत करने व माहात्म्य पढ़ने – सुनने से सर्व पापों का नाश |
🛕 भगवान श्रीगणेश
🚩 19 सितम्बर से दस दिवसीय गणेशोत्सव प्रारंभ हो चुका है। इन दस दिनों में गणेशजी की पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व होता है। श्रीगणेश अंक में भगवान गणेश के 12 नामों का वर्णन किया गया हैं, जिनको बोलकर श्रीगणेश की पूजा करने से मनुष्य के सभी दुखों का नाश हो जाता है और उसकी सभी इच्छा पूरी होती हैं।
➡ ये 12 नाम बोलकर करें श्रीगणेश की पूजा, हर काम में मिलेगा किस्मत का साथ
🌷 श्लोक-
प्रथमं वक्रतुण्ड च एकदन्तं द्वितीयकम्, तृतीयं कृष्णपिड्गाक्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम्।।
लम्बोदरं पंचमं च षष्ठं विकटमेव च, सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्ण तथाष्टमम्।।
नवमं भालचन्द्रं च दशमं तु विनायकम्, एकादशं गणपतिं द्वादर्श तु गजाननम्।।
द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्यं यः पठेन्नरः, न च विध्नभयं तस्य सर्वसिद्धिकरं परम्।।
🚩 श्लोक का अर्थ-
पहला नाम है वक्रतुण्ड, दूसरा एकदन्त, तीसरा कृष्णपिड्गाक्ष, चौथा गजवक्त्र, पांचवां लम्बोदर, छठा विकट, सातवां विघ्नराजेन्द्र, आठवां धूमवर्ण, नौवां भालचन्द्र, दसवां विनायक, ग्यारहवां गणपति और बारहवां नाम गजाजन है। जो मनुष्य प्रतिदिन भगवान गणेश के इन बारह नामों का जप करता है, उसके सभी विघ्न (परेशानियां) खत्म हो जाती हैं।
🌷 इन 12 नामों का पाठ करने से मिलते हैं कौन-से लाभ-
🌷 श्लोक-
विद्यार्थी लभते विद्यां, धनार्थी लभते धनम्।
पुत्रार्थी लभते पुत्रान्, मोक्षार्थी लभते गतिम्।।
🚩 अर्थात- भगवान गणेश के इन बारह नामों का पाठ करने से विद्या चाहने वाले को विद्या, धन चाहने वाले को धन, पुत्र चाहने वाले को पुत्र और मोक्ष की इच्छा रखने वाले को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
➡ 1. विद्या की प्राप्ति
भगवान गणेश को बुद्धि का देवता माना जाता है। अच्छी बुद्धि और विद्या के लिए श्रीगणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। श्रीगणेश-अंक के अनुसार, जिस भी मनुष्य को अच्छी विद्या पाने की इच्छा हो, उसे भगवान गणेश के इन 12 नामों का पाठ करना चाहिए। नियमित रूप से इनका जप करने से भगवान गणेश की कृपा हमेशा बनी रहती है और मनुष्य की हर मनोकामना पूरी होती है।
➡ 2. धन की प्राप्ति
भगवान गणेश को सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। जिस भी मनुष्य को धन-संपत्ति पाने की इच्छा हो, उसे पूरी श्रद्धा के साथ भगवान गणेश के इन बारह नामों का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से घर से दरिद्रता कम होती है और धन-धान्य में वृद्धि होती है।
➡ 3. संतान की प्राप्ति
भगवान गणेश के इन बारह नामों को चमत्कारी माना जाता है। इनके जप से मनुष्य की हर मनोकामना जरूर ही पूरी होती है। संतान चाहने वाले दंपत्ति को रोज सुबह और शाम इनका पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से उनकी संतान पाने की इच्छा पूरी होती है।
➡ 4. मोक्ष की प्राप्ति
भगवान गणेश प्रथम पूज्य माने जाते है। किसी भी काम की शुरुवात में सबसे पहले उनका पूजन किया जाता है। भगवान गणेश की आराधना करने से मनुष्य को अपने पापों से मुक्ति मिलती हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। भगवान गणेश के इन बारह नामों का पाठ करने से मनुष्य को धरती पर ही स्वर्ग के समान सुख मिलते है।
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