♈ दिनांक – 25 जुलाई 2023
♉ दिन – मंगलवार
♊ विक्रम संवत – 2080 (गुजरात – 2079)
♋ शक संवत -1945
♌ अयन – दक्षिणायन
♍ ऋतु – वर्षा ॠतु
♎ मास – अधिक श्रावण
♏ पक्ष – शुक्ल
♐ तिथि – सप्तमी दिन 03:08 तक तत्पश्चात अष्टमी
♑ नक्षत्र – चित्रा रात्रि 12:03 तक तत्पश्चात स्वाती
♒ योग – सिद्ध शाम 15:02 तक तत्पश्चात साध्य
♓ राहुकाल – दिन 15:36 से शाम 17:17 बजे तक
🌞 सूर्योदय-05:28
🌚 सूर्यास्त- 18:58
❌ दिशाशूल- उत्तर दिशा में
🚩 व्रत पर्व विवरण -श्रावण अधिक मंगला गौरी व्रत
💥 विशेष- सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है तथा शरीर का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🛕 बुधवारी अष्टमी
➡ 26 जुलाई 2023 बुधवार को सूर्योदय से दोपहर 03:52 तक बुधवारी अष्टमी हैं ।
🌷 बुधवायुक्तायां शुक्ला शुक्लाष्टम्यां, परयुता ग्राह्या
👉🏻 बुधवारी शुक्लपक्ष अष्टमी बहुत पुण्यशाली होती है और इस दिन किया गया स्नान, दान, धर्म, जप, तप आदि सब सूर्यग्रहण के समान फल देते हैं।
🌷 अमावस्या तु सोमेन सप्तमी भानुना सह।
चतुर्थी भूमिपुत्रेण सोमपुत्रेण चाष्टमी।
चतस्रस्तिथयस्त्वेताः सूर्यग्रहणसन्निभाः॥
🚩 शिवपुराण, गरुड़पुराण, अग्निपुराण, भविष्यपुराण, स्कंदपुराण सभी में बुधाष्टमी की महत्ता का वर्णन है।
🛕 भविष्यपुराण में श्रीकृष्ण बुधाष्टमी के व्रत की महत्ता बताते हुए कहते हैं कि इसको करने से नरक का मुख नहीं देखना पड़ता।
🌷 “बुधाष्टमीव्रतं भूयो ब्रवीमि शृणु पांडव ।
येन चीर्णेन नरकं नरः पश्यति न क्वचित् ।।”
🛕 बुधवारी अष्टमी
👉🏻 मंत्र जप एवं शुभ संकल्प हेतु विशेष तिथि
🚩 सोमवती अमावस्या, रविवारी सप्तमी, मंगलवारी चतुर्थी, बुधवारी अष्टमी – ये चार तिथियाँ सूर्यग्रहण के बराबर कही गयी हैं।
🚩 इनमें किया गया जप-ध्यान, स्नान , दान व श्राद्ध अक्षय होता है। (शिव पुराण, विद्यश्वर संहिताः अध्याय 10)
©2024.The Game Of Planet. All Rights Reserved.