♈ दिनांक – 24 नवम्बर 2023
♉ दिन – शुक्रवार
♊ विक्रम संवत – 2080
♋ शक संवत -1945
♌ अयन – दक्षिणायन
♍ ऋतु – हेमंत ॠतु
♎ मास – कार्तिक
♏ पक्ष – शुक्ल
♐ तिथि – द्वादशी शाम 07:06 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
♑ नक्षत्र – रेवती दिन 04:01 तक तत्पश्चात अश्विनी
♒ योग – सिद्धि दिन 09:05 तक तत्पश्चात व्यतिपात
♓ राहुकाल – दिन 10:33 से 11:53 बजे तक
🌞 सूर्योदय-06:32
🌚 सूर्यास्त-17:13
✖️ दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
🚩 व्रत पर्व विवरण- प्रदोष व्रत, तुलसी विवाह प्रारंभ
💥 विशेष – द्वादशी को पूतिका(पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🛕 व्यतिपात योग
➡️ 24 नवम्बर 2023 शुक्रवार को दिन 09:06 से 25 नवम्बर, शनिवार को प्रातः 06:24 तक व्यतिपात योग है।
🚩 व्यतिपात योग की ऐसी महिमा है कि उस समय जप पाठ प्राणायम, माला से जप या मानसिक जप करने से भगवान की और विशेष कर भगवान सूर्यनारायण की प्रसन्नता प्राप्त होती है जप करने वालों को, व्यतिपात योग में जो कुछ भी किया जाता है उसका १ लाख गुना फल मिलता है।
🚩 वाराह पुराण में ये बात आती है व्यतिपात योग की।
🛕 कार्तिक शुक्ल त्रयोदशी
👉🏻 नारदपुराण के अनुसार ऊर्ज्शुक्लत्रयोदश्यामेकभोजी द्विजोत्तम । पुनः स्नात्वा प्रदोषे तु वाग्यतः सुसमाहितः ।। १२२-४८ ।।
प्रदीपानां सहस्रेण शतेनाप्यथवा द्विज । प्रदीपयेच्छिवं वापि द्वात्रिंशद्दीपमालया ।। १२२-४९ ।।
घृतेन दीपयेद्द्वीपान्गंधाद्यैः पूजयेच्छिवम् । फलैर्नानाविधैश्चैव नैवेद्यैरपि नारद ।। १२२-५० ।।
ततः स्तुवीत देवेशं शिवं नाम्नां शतेन च । तानि नामानि कीर्त्यंते सर्वाभीष्टप्रदानि वै ।। १२२-५१ ।।
🚩 कार्तिक शुक्ल त्रयोदशी को मनुष्य एक समय भोजन करके व्रत रखे। प्रदोषकाल में पुनः स्नान करके मौन और एकाग्रचित्त हो बत्तीस दीपकों की पंक्ति से भगवान शिव को आलोकित करे। घी से दीपकों को जलाए और गंध आदि से भगवान शिव की पूजा करे। फिर नाना प्रकार के फलों और नैवेद्यों द्वारा उन्हें संतुष्ट करे । इस प्रकार व्रत करके मनुष्य महादेवजी के प्रसाद से इहलोक के सम्पूर्ण भोग भोगकर अंत में शिवधाम प्राप्त करता है।
🛕 कार्तिक मास
सीदलपुष्पाणि ये यच्छन्ति जनार्दने।
कार्तिके सकलं वत्स पापं जन्मार्जितं दहेत्।। (पद्मपुराण)
🚩 ब्रम्हाजी नारदजी से कहते हे- वत्स ! जो लोग कार्तिक में भगवान जनार्दन को तुलसी के पत्र और पुष्प अर्पित करते हैं, उनका जन्म भर का किया हुआ सारा पाप भस्म हो जाता है।
🛕 कार्तिक मास के अंतिम 3 दिन दिलाएं महा पुण्य पुंज
🚩 कार्तिक मास में सभी दिन अगर कोई स्नान ना कर पाए तो त्रयोदशी, चौदस और पूनम ये तीन दिन सुबह सूर्योदय से पूर्व स्नान कर लेने से पूरे कार्तिक मास के स्नान के पुण्यो की प्राप्ति होती है l
🛕 इन तीन दिन विष्णु सहस्रनाम पाठ और गीता का पाठ भी अत्यंत प्रभावशाली और पुण्यदायी है l
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