♈ दिनांक – 21 सितम्बर 2023
♉ दिन – गुरूवार
♊ विक्रम संवत – 2080 (गुजरात – 2079)
♉ शक संवत -1945
♌ अयन – दक्षिणायन
♍ ऋतु – शरद ॠतु
♎ मास – भाद्रपद
♏ पक्ष – शुक्ल
♐ तिथि – षष्ठी दोपहर 02:14 तक तत्पश्चात सप्तमी
♑ नक्षत्र – अनुराधा शाम 03:35 तक तत्पश्चात जेष्ठा
♒ योग – प्रीति 22 सितम्बर रात्रि 01:45 तक तत्पश्चात आयुष्मान
♓ राहुकाल – दिन 13:31 से शाम 15:02 बजे तक
🌞 सूर्योदय-05:54
सूर्यास्त- 18:05
👉 दिशाशूल- दक्षिण दिशा में
🚩 व्रत पर्व विवरण – सूर्य षष्ठी, गौरी आवाहन
💥 विशेष- षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🔔 लक्ष्मी प्रप्ति व्रत
➡ 22 सितम्बर 2023 शुक्रवार से महालक्ष्मी व्रत प्रारंभ
🚩 भाद्रपद शुक्ल अष्टमी से आश्विन कृष्ण अष्टमी तक घर में अगर कोई महालक्ष्मी माता का पूजन करे और रात को चन्द्रमा को अर्घ्य दे तो उस के घर में लक्ष्मी बढ़ती जाती है…
➡ इस वर्ष ये योग 22 सितम्बर 2023 शुक्रवार से 06 अक्तूबर 2023 शुक्रवार तक है…
🚩 1) महालक्ष्मी का पूजन करें .
🌙 2)रात को चन्द्रमा को अर्घ्य देना कच्चे दूध(थोडासा) से फिर पानी से.. .
🚩 3)महालक्ष्मी का मन्त्र जप करना.
🌷 ॐ श्रीं नमः
🌷 ॐ विष्णु प्रियाय नमः
🌷 ॐ महा लक्ष्मै नमः
➡ इन में से कोई भी एक जप करें
🚩 अन्नपूर्णा प्रयोग
👉🏻 प्रत्येक पूर्णिमा को घर के अन्न – भंडार के स्थान पर कपास के तेल का दीपक जलायें | इसके प्रभाव से घर की रसोई में बहुत बरकत होती है | यह अन्नपूर्णा प्रयोग हैं |
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