♈ दिनांक – 17 अक्टूबर 2023
♉ दिन – मंगलवार
♊ विक्रम संवत – 2080 (गुजरात – 2079)
♋ शक संवत -1945
♌ अयन – दक्षिणायन
♍ ऋतु – शरद ॠतु
♎ मास – आश्विन
♏ पक्ष – शुक्ल
♐ तिथि – तृतीया 18 अक्टूबर रात्रि 01:26 तक तत्पश्चात चतुर्थी
♑ नक्षत्र – विशाखा रात्रि 08:31 तक तत्पश्चात अनुराधा
♒ योग – प्रीति दिन 09:22 तक तत्पश्चात आयुष्मान
❌ राहुकाल – दिन 14:44 से शाम 16:10 तक
🌞 सूर्योदय-06:07
🌤️ सूर्यास्त- 17:37
👉 दिशाशूल- उत्तर दिशा में
🚩 व्रत पर्व विवरण –
💥 विशेष – तृतीया को पर्वल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🛕 शारदीय नवरात्रि 🌷
🚩 कष्टों से मुक्ति दिलाती हैं मां चंद्रघंटा
नवरात्रि की तृतीया तिथि यानी तीसरा दिन माता चंद्रघंटा को समर्पित है। यह शक्ति माता का शिवदूती स्वरूप है । इनके मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है, इसी कारण इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है। असुरों के साथ युद्ध में देवी चंद्रघंटा ने घंटे की टंकार से असुरों का नाश किया था। नवरात्रि के तृतीय दिन इनका पूजन किया जाता है। इनके पूजन से साधक को मणिपुर चक्र के जाग्रत होने वाली सिद्धियां स्वत: प्राप्त हो जाती हैं तथा सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।
🌷 रोग, शोक दूर करती हैं मां कूष्मांडा 🌷
नवरात्रि की चतुर्थी तिथि की प्रमुख देवी मां कूष्मांडा हैं। देवी कूष्मांडा रोगों को तुरंत नष्ट करने वाली हैं। इनकी भक्ति करने वाले श्रद्धालु को धन-धान्य और संपदा के साथ-साथ अच्छा स्वास्थ्य भी प्राप्त होता है। मां दुर्गा के इस चतुर्थ रूप कूष्मांडा ने अपने उदर से अंड अर्थात ब्रह्मांड को उत्पन्न किया। इसी वजह से दुर्गा के इस स्वरूप का नाम कूष्मांडा पड़ा।
🚩 मां कूष्मांडा के पूजन से हमारे शरीर का अनाहत चक्रजागृत होता है। इनकी उपासना से हमारे समस्त रोग व शोक दूर हो जाते हैं। साथ ही, भक्तों को आयु, यश, बल और आरोग्य के साथ-साथ सभी भौतिक और आध्यात्मिक सुख भी प्राप्त होते हैं।
🛕 शारदीय नवरात्रि
तृतीया तिथि यानी की तीसरे दिन को माता दुर्गा को दूध का भोग लगाएं ।इससे दुखों से मुक्ति मिलती है ।
🚩 नवरात्रि के चौथे दिन यानी चतुर्थी तिथि को माता दुर्गा को मालपुआ का भोग लगाएं ।इससे समस्याओं का अंत होता है ।
🛕 तुला संक्रांति
➡ 18 अक्टूबर 2023 बुधवार को तुला संक्रांति (पुण्यकाल : सूर्योदय से दोपहर 12:25 तक)
🚩 इसमें किया गया जप, ध्यान, दान व पुण्यकर्म अक्षय होता है ।
🌷 नवरात्रि के दिनों में जप करने का मंत्र 🌷
👉🏻 नवरात्रि के दिनों में ‘ ॐ श्रीं ॐ ‘ का जप करें ।
🛕 विद्यार्थी के लिए
🔥 नवरात्रि के दिनों में खीर की २१ या ५१ आहुति गायत्री मंत्र बोलते हुए दें । इससे विद्यार्थी को बड़ा लाभ होगा।
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