♈ दिनांक – 16 सितम्बर 2023
♉ दिन – शनिवार
♊ विक्रम संवत – 2080 (गुजरात – 2079)
♋ शक संवत -1945
♌ अयन – दक्षिणायन
♍ ऋतु – शरद ॠतु
♎ मास – भाद्रपद
♏ पक्ष – शुक्ल
♐ तिथि – प्रतिपदा दिन 09:17 तक तत्पश्चात द्वितीया
♑ नक्षत्र – उत्तराफाल्गुनी प्रातः 07:36 तक तत्पश्चात हस्त
♒ योग – शुक्ल 17 सितम्बर प्रातः 04:13 तक तत्पश्चात ब्रह्म
♓ राहुकाल -प्रातः 08:56 से 10:29 बजे तक
🌞 सूर्योदय-05:52
🌚 सूर्यास्त- 18:10
❌ दिशाशूल- पूर्व दिशा में
🛕 व्रत पर्व विवरण – चंद्र दर्शन (शाम 06:43 से रात्रि 06:59 तक),सामवेद उपाकर्म,रामदेव पीर नवरात्रि प्रारंभ
💥 विशेष- प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा पेठा) न खाएं क्योकि यह धन का नाश करने वाला है (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
💥 ब्रह्म पुराण’ के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- ‘मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।’ (ब्रह्म पुराण’)
💥 शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय।’ का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण’)
💥 हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)
🛕 षडशीति-कन्या संक्रान्ती
🚩 17 सितम्बर 2023 रविवार को षडशीति-कन्या संक्रान्ती है ।
🚩 पुण्यकाल : दोपहर 01:43 से सूर्यास्त तक… जप,तप,ध्यान और सेवा का पूण्य 86000 गुना है !!!
🚩 इस दिन करोड़ काम छोड़कर अधिक से अधिक समय जप – ध्यान, प्रार्थना में लगायें।
🚩 षडशीति संक्रांति में किये गए जप ध्यान का फल ८६००० गुना होता है – (पद्म पुराण )
🛕 वास्तु शास्त्र
🏡 इस तरह कर सकते हैं वास्तुदोष का अंत
घर का जो हिस्सा वास्तु के अनुसार सही न हो, वहां घी मिश्रित सिंदूर से श्री गणेश स्वरुप स्वस्तिक दीवार पर बनाने से वास्तु दोष का प्रभाव कम होने लगता है।
♏ आर्थिक परेशानी रहती हो तो
🚩 अथर्ववेद की गणेश उपनिषद के अनुसार दूर्वा ( जो गणेशजी की पूजा के काम में आता है ) उसे घी में डुबायें …. और आहूति दें …. ये मंत्र बोल कर आहूति डालें … ” ॐ गं गणपतये स्वाहा “
🛕 समाज में हर काम में विफलता – अपयश मिलता हो तो
👨🏻 जिन लोगो को समाज में हर काम में विफलता मिलती है, अपयश मिलता है, वे लोग साल (संस्कृत में उसे लाजा कहते है ) में घी मिलाकर गणपति मंत्र से हवन करें तो कार्य सिद्ध होते हैं । यश की वृद्धि होती है ।
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