♈ दिनांक – 14 सितम्बर 2023
♉ दिन – गुरूवार
♊ विक्रम संवत – 2080 (गुजरात – 2079)
♋ शक संवत -1945
♌ अयन – दक्षिणायन
♍ ऋतु – शरद ॠतु सायन
♎ मास – भाद्रपद (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार श्रावण)
♏ पक्ष – कृष्ण
♐ तिथि – अमावस्या पूर्ण रात्रि तक
♑ नक्षत्र – पूर्वाफाल्गुनी 15 सितम्बर प्रातः 04:54 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी
♒ योग – साध्य 15 सितम्बर रात्रि 03:00 तक तत्पश्चात शुभ
♓ राहुकाल -दिन 13:34 से 15:07 बजे तक
🌞 सूर्योदय-05:51
🌚 सूर्यास्त- 18:13
❌ दिशाशूल- दक्षिण दिशा में
🛕 व्रत पर्व विवरण – भाद्रपद अमावस्या,दर्श अमावस्या, पीठोरी-कुशोत्पाटिनी अमावस्या, राष्ट्रभाषा हिन्दी दिवस, अमावस्या वृद्धि तिथि
💥 विशेष- अमावस्या और व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
🛕 समृद्धि बढ़ाने के लिए
🌙 कर्जा हो गया है तो अमावस्या के दूसरे दिन से पूनम तक रोज रात को चन्द्रमा को अर्घ्य दे, समृद्धि बढेगी ।
🛕 स्कन्दपुराण के प्रभास खंड के अनुसार
“अमावास्यां नरो यस्तु परान्नमुपभुञ्जते ।। तस्य मासकृतं पुण्क्मन्नदातुः प्रजायते”
🍲 जो व्यक्ति अमावस्या को दूसरे का अन्न खाता है उसका महिने भर का पुण्य उस अन्न के स्वामी/दाता को मिल जाता है।
🛕 खेती के काम में ये सावधानी रहे
🚜 ज़मीन है अपनी… खेती काम करते हैं तो अमावस्या के दिन खेती का काम न करें …. न मजदूर से करवाएं | जप करें भगवत गीता का ७ वां अध्याय अमावस्या को पढ़ें …और उस पाठ का पुण्य अपने पितृ को अर्पण करें … सूर्य को अर्घ्य दें… और प्रार्थना करें ” आज जो मैंने पाठ किया …अमावस्या के दिन उसका पुण्य मेरे घर में जो गुजर गए हैं …उनको उसका पुण्य मिल जाये | ” तो उनका आर्शीवाद हमें मिलेगा और घर में सुख-सम्पति बढ़ेगी |
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