♈ दिनांक – 13 सितम्बर 2023
♉ दिन – बुधवार
♊ विक्रम संवत – 2080 (गुजरात – 2079)
♋ शक संवत -1945
♌ अयन – दक्षिणायन
♍ ऋतु – शरद ॠतु
♎ मास – भाद्रपद (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार श्रावण)
♏ पक्ष – कृष्ण
♐ तिथि – चतुर्दशी 14 सितम्बर प्रातः 04:48 तक तत्पश्चात अमावस्या
♑ नक्षत्र – मघा 14 सितम्बर रात्रि 02:01 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी
♒ योग – सिद्ध 14 सितम्बर रात्रि 02:08 तक तत्पश्चात साध्य
♓ राहुकाल – दोपहर 12:02 से 13:35 बजे तक
🌞 सूर्योदय-05:51
🌚 सूर्यास्त- 18:14
❌ दिशाशूल- उत्तर दिशा में
🛕 व्रत पर्व विवरण – मासिक शिवरात्रि,अघोरा चतुर्दशी
💥 विशेष- चतुर्दशी, अमावस्या और व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
🛕 नकारात्मक ऊर्जा मिटाने के लिए 🌷
➡ 14 सितम्बर 2023 गुरुवार को प्रातः 04:49 से 15 सितम्बर, शुक्रवार को सुबह 07:05 तक अमावस्या है ।
💥 विशेष – 14 सितम्बर 2023 गुरुवार को भाद्रपद अमावस्या, दर्श अमावस्या, पीठोरी -कुशोत्पाटिनी अमावस्या, और 15 सितम्बर, शुक्रवार को अमावस्या है।
🏡 घर में हर अमावस अथवा हर १५ दिन में पानी में खड़ा नमक (१ लीटर पानी में ५० ग्राम खड़ा नमक) डालकर पोछा लगायें । इससे नेगेटिव एनेर्जी चली जाएगी । अथवा खड़ा नमक के स्थान पर भी डाल सकते हैं ।
🛕 अमावस्या
🚩 अमावस्या के दिन जो वृक्ष, लता आदि को काटता है अथवा उनका एक पत्ता भी तोड़ता है, उसे ब्रह्महत्या का पाप लगता है (विष्णु पुराण)
🛕 धन-धान्य व सुख-संम्पदा के लिए
🔥 हर अमावस्या को घर में एक छोटा सा आहुति प्रयोग करें।
🍛 सामग्री : १. काले तिल, २. जौं, ३. चावल, ४. गाय का घी, ५. चंदन पाउडर, ६. गूगल, ७. गुड़, ८. देशी कर्पूर, गौ चंदन या कण्डा।
🔥 विधि: गौ चंदन या कण्डे को किसी बर्तन में डालकर हवनकुंड बना लें, फिर उपरोक्त ८ वस्तुओं के मिश्रण से तैयार सामग्री से, घर के सभी सदस्य एकत्रित होकर नीचे दिये गये देवताओं की १-१ आहुति दें।
🔥 आहुति मंत्र 🔥
🌷 १. ॐ कुल देवताभ्यो नमः
🌷 २. ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः
🌷 ३. ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः
🌷 ४. ॐ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः
🌷 ५. ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः
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