THE GAME OF PLANETS

आज का पञ्चाङ्ग 🐚🔔🚩

♈ दिनांक – 17 जून 2023
♉ दिन – शनिवार
♊ विक्रम संवत – 2080 (गुजरात – 2079)
♋ शक संवत -1945
♌ अयन – उत्तरायण
♍ ऋतु – ग्रीष्म ॠतु
♎ मास – आषाढ (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार ज्येष्ठ)
♏ पक्ष – कृष्ण
♐ तिथि – चतुर्दशी दिन 09:11 तक तत्पश्चात अमावस्या
♑ नक्षत्र – रोहिणी दिन 04:25 तक तत्पश्चात मृगशिरा
♒ योग – शूल 18 जून रात्रि 01:02 तक तत्पश्चात गण्ड
♓ राहुकाल – दिन 08:40 से 10:24 बजे तक
🌞 सूर्योदय-05:12
🌚 सूर्यास्त- 19:02
❌ दिशाशूल- पूर्व दिशा में
🛕 व्रत पर्व विवरण – दर्श अमावस्या
🔥 विशेष – चतुर्दशी  अमावस्या  और व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
💥 ब्रह्म पुराण’ के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- ‘मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।’ (ब्रह्म पुराण’)
💥 शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय।’ का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण’)

 

🛕 समृद्धि बढ़ाने के लिए
🌙 कर्जा हो गया है तो अमावस्या के दूसरे दिन से पूनम तक रोज रात को चन्द्रमा को अर्घ्य दे, समृद्धि बढेगी ।

 

🛕 स्कन्दपुराण‬ के प्रभास खंड के अनुसार
“अमावास्यां नरो यस्तु परान्नमुपभुञ्जते ।। तस्य मासकृतं पुण्क्मन्नदातुः प्रजायते”
🍲 जो व्यक्ति ‪अमावस्या‬ को दूसरे का अन्न खाता है उसका महिने भर का पुण्य उस अन्न के स्वामी/दाता को मिल जाता है।


🛕 खेती के काम में ये सावधानी रहे
🚜 ज़मीन है अपनी… खेती काम करते हैं तो अमावस्या के दिन खेती का काम न करें …. न मजदूर से करवाएं | जप करें भगवत गीता का ७ वां अध्याय अमावस्या को पढ़ें …और उस पाठ का पुण्य अपने पितृ को अर्पण करें … सूर्य को अर्घ्य दें… और प्रार्थना करें ” आज जो मैंने पाठ किया …अमावस्या के दिन उसका पुण्य मेरे घर में जो गुजर गए हैं …उनको उसका पुण्य मिल जाये | ” तो उनका आर्शीवाद हमें मिलेगा और घर में सुख-सम्पति बढ़ेगी |

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