गुरुवार व्रत, राहुकाल, नक्षत्र, ज्योतिषीय उपाय
♈ दिनांक – 17 अप्रैल 2025
♉ दिन – गुरूवार
♊ विक्रम संवत – 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)
♋ शक संवत -1947
♌ अयन – उत्तरायण
♍ ऋतु – वसंत ॠतु
♎ मास – वैशाख (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार चैत्र)
♏ पक्ष – कृष्ण
♐ तिथि – चतुर्थी अपराह्न 03:23 तक तत्पश्चात पंचमी
♑ नक्षत्र – ज्येष्ठा पूर्ण रात्रि तक
♒ योग – वरीयान रात्रि 12:50 तक तत्पश्चात परिघ
♓ राहुकाल – अपराह्न 13:42 से 15:19 बजे तक
🌞 सूर्योदय -05:41
🌚 सूर्यास्त -18:31
❌ दिशाशूल – दक्षिण दिशा मे
🛕 व्रत पर्व विवरण-
💥 विशेष- चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🛕 ह्रदय रोग
😳 ह्रदय रोग में २ चम्मच शहद, १ चम्मच नींबू का रस पीने से तुरंत ह्रदय रोग में आराम होता है l अथवा अदरक के रस में समान मात्रा में पानी मिलाकर पियें |
🌿 ह्रदय में पीड़ा हो, हार्ट अटैक का भय हो तो तुलसी के ८-१० पत्ते, २-३ काली मिर्च चबा के पानी पी लें l जादूई असर होगा |
🌿 १०-२० तुलसी के पत्तों का रस गर्म करके, गुनगुने पानी में पियें और तुलसी के पत्तों को पीस कर उसका ह्रदय पर लेप करें |
🛕 शनि निवारण का उपाय
🚩 गले में लाल धागे में रुद्राक्ष पहनलें और भगवान शिव जी को बिल्व पत्र चढ़ाने से शनि शांत होते हैं l
🛕 चैन की नींद के लिए
😌 चैन की नींद न आती हो, तो सिरहाने की तरफ कर्पूर जलाकर “ॐ” का गुंजन करें l सुबह -शाम जलाने से वायु दोष दूर होगा, लक्ष्मी प्राप्ति होगी, बुरे सपने नहीं आयेंगे l
🕉️🛕🚩 डॉ० बिपिन पाण्डेय, सहा० आचार्य , ज्योतिर्विज्ञान विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय📱8756444444
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