आज का पंचांग और एकादशी व्रत का महत्व (05 जून 2025)
♈ दिनांक – 05 जून 2025
♉ दिन – गुरूवार
♊ विक्रत संवत 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)
♋ शक संवत -1947
♌ अयन – उत्तरायण
♍ ऋतु – ग्रीष्म ॠतु
♎ मास – ज्येष्ठ
♏ पक्ष – शुक्ल
♐ तिथि – दशमी 06 जून रात्रि 02:15 तक तत्पश्चात एकादशी
♑ नक्षत्र – हस्त पूर्ण रात्रि तक
♒ योग – सिद्धि दिन 09:14 तक तत्पश्चात व्यतीपात
♓ राहुकाल – मध्याह्न 13:58 से 15:31 बजे तक
🌞 सूर्योदय -05:12
🌚 सूर्यास्त -18:58
❌ दिशाशूल – दक्षिण दिशा मे
🛕 व्रत पर्व विवरण – श्रीगंगा दशहरा समाप्त, विश्व पर्यावरण दिवस, व्यतीपात योग (09:14 से 06 जून दिन 10:13 तक
🛕 एकादशी व्रत के लाभ
➡️ 05 जून, गुरुवार को रात्रि 02:15 यानि (06 जून 02:15 AM) से 07 जून प्रात: 04:47 तक एकादशी है।
💥 विशेष – 06 जून 2025 शुक्रवार को निर्जला-भीमसेनी एकादशी (स्मार्त गृहस्थ) एवं 07 जून 2025 शनिवार को निर्जला-भीमसेनी एकादशी (भागवत संन्यासी), 07 जून, शनिवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें।
🚩 एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।
🚩 जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
🚩 जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
🚩 एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं ।इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।
🚩 धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।
🚩 कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।
🚩 परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है ।पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ ।भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।
🛕 एकादशी के दिन करने योग्य
🚩 एकादशी को दिया जलाके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें , विष्णु सहस्त्र नाम नहीं हो तो १ माला राम रामेति रामेति, रमे रामे मनोरमे । सहस्रनाम तत्तुल्यं, रामनाम वरानने ॥का जप कर लें l अगर घर में झगडे होते हों, तो झगड़े शांत हों जायें ऐसा संकल्प करके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें तो घर के झगड़े भी शांत होंगे l
🛕 एकादशी के दिन ये सावधानी रहे 🌷
🚩 महीने में १५-१५ दिन में एकादशी आती है एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा कर देता है लेकिन वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति एकादशी न रख सके तभी भी उनको चावल का तो त्याग करना चाहिए एकादशी के दिन जो चावल खाता है… तो धार्मिक ग्रन्थ से एक- एक चावल एक- एक कीड़ा खाने का पाप लगता है…ऐसा डोंगरे जी महाराज के भागवत में डोंगरे जी महाराज ने कहा
🕉️🛕🚩 डॉ० बिपिन पाण्डेय, आचार्य ज्योतिर्विज्ञान, लखनऊ 📱8756444444
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