26 मई का पंचांग – सोमवती अमावस्या, शनि जयंती व व्रत विधि

♈ दिनांक – 26 मई 2025
♉ दिन – सोमवार
♊ विक्रत संवत 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)
♋ शक संवत -1947
♌ अयन – उत्तरायण
♍ ऋतु – ग्रीष्म ॠतु
♎ मास – ज्येष्ठ (गुजरात-महाराष्ट्र वैशाख)
♏ पक्ष – कृष्ण
♐ तिथि – चतुर्दशी मध्याह्न 12:11 तक तत्पश्चात अमावस्या
♑ नक्षत्र -भरणी दिन 08:23 तक तत्पश्चात कृत्तिका
♒ योग – शोभन प्रातः 07:02 तक तत्पश्चात अतिगण्ड
♓ राहुकाल -प्रातः 06:57 से 08:39 बजे तक
🌞 सूर्योदय -05:14
🌚 सूर्यास्त -18:53
❌ दिशाशूल – पूर्व दिशा मे
🛕 व्रत पर्व विवरण- *दर्श अमावस्या, वटसावित्री व्रत (अमावस्यांत)श्री शनैश्चर जयंती,सोमवती अमावस्या (दोपहर 12:11 से 27 मई सूर्योदय तक)
💥 विशेष- *चतुर्दशी  अमावस्या  पूर्णिमा व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)

🛕 गंगा स्नान का फल
➡ 27 मई 2025 मंगलवार से गंगा दशहरा प्रारंभ ।
🚩 “जो मनुष्य आँवले के फल और तुलसीदल से मिश्रित जल से स्नान करता है, उसे गंगा स्नान का फल मिलता है ।” (पद्म पुराण , उत्तर खंड)

🛕 गंगा स्नान का मंत्र
🚩 गंगा स्नान के लिए रोज हरिद्वार तो जा नही सकते, घर में ही गंगा स्नान का पुन्य मिलने के लिए एक छोटा सा मन्त्र है ..
🚩 ॐ ह्रीं गंगायै ॐ ह्रीं स्वाहा
🚩 ये मन्त्र बोलते हुए स्नान करें तो गंगा स्नान का लाभ होता है | गंगा दशहरा के दिन इसका लाभ जरुर लें ….

🛕 नकारात्मक ऊर्जा मिटाने के लिए
➡ 26 मई 2025 सोमवार को दर्श एवं सोमवती अमावस्या और 27 मई 2025 मंगलवार को ज्येष्ठ एवं भावुका अमावस्या है।
🏡 घर में हर अमावस अथवा हर १५ दिन में पानी में खड़ा नमक (१ लीटर पानी में ५० ग्राम खड़ा नमक) डालकर पोछा लगायें । इससे नेगेटिव एनेर्जी चली जाएगी । अथवा खड़ा नमक के स्थान पर कपूर का चूरा पानी में मिलाकर भी पोछा लगा सकते हैं ।

🛕 धन-धान्य व सुख-संम्पदा के लिए
🔥 हर अमावस्या को घर में एक छोटा सा आहुति प्रयोग करें।
🍛 सामग्री : १. काले तिल, २. जौं, ३. चावल, ४. गाय का घी, ५. चंदन पाउडर, ६. गूगल, ७. गुड़, ८. देशी कर्पूर, गौ चंदन या कण्डा।
🔥 विधि: गौ चंदन या कण्डे को किसी बर्तन में डालकर हवनकुंड बना लें, फिर उपरोक्त ८ वस्तुओं के मिश्रण से तैयार सामग्री से, घर के सभी सदस्य एकत्रित होकर नीचे दिये गये देवताओं की १-१ आहुति दें।
🔥 आहुति मंत्र 🔥
🌷 १. ॐ कुल देवताभ्यो नमः
🌷 २. ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः
🌷 ३. ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः
🌷 ४. ॐ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः
🌷 ५. ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः

🕉️🛕🚩 डॉ० बिपिन पाण्डेय, सहा० आचार्य ,ज्योतिर्विज्ञान विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय📱8756444444

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