05 जुलाई 2025 पंचांग: आज का शुभ मुहूर्त, एकादशी व्रत व चतुर्मास का आरंभ
♈ दिनांक – 05 जुलाई 2025
♉ दिन – शनिवार
♊ विक्रत संवत 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)
♋ शक संवत -1947
♌ अयन – दक्षिणायन
♍ ऋतु – वर्षा ॠतु
♎ मास – आषाढ
♏ पक्ष – शुक्ल
♐ तिथि – दशमी सायंकाल 06:58 तक तत्पश्चात एकादशी
♑ नक्षत्र – स्वाती रात्रि 07:51 तक तत्पश्चात विशाखा
♒ योग – सिद्ध रात्रि 08:36 तक तत्पश्चात साध्य
♓ राहुकाल -दिन 08:44 से 10:22 बजे तक
🌞 सूर्योदय -05:18
🌚 सूर्यास्त -19:04
❌ दिशाशूल – पूर्व दिशा मे
🛕 व्रत पर्व विवरण -आशा दशमी
💥 विशेष – ब्रह्म पुराण’ के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- ‘मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।’ (ब्रह्म पुराण’)
🛕 एकादशी के दिन करने योग्य
➡️ 05 जुलाई 2025 शनिवार को शाम 06:58 से 06 जुलाई, रविवार को रात्रि 09:14 तक एकादशी है।
💥 विशेष – 06 जुलाई, रविवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखे।
🚩 एकादशी को दिया जलाके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें …….विष्णु सहस्त्र नाम नहीं हो तो १ मालाराम रामेति रामेति, रमे रामे मनोरमे । सहस्रनाम तत्तुल्यं, रामनाम वरानने ॥का जप कर लें l अगर घर में झगडे होते हों, तो झगड़े शांत हों जायें ऐसा संकल्प करके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें तो घर के झगड़े भी शांत होंगे l
🛕 चतुर्मास में विद्यार्थियों के लिए उपहार
➡️ 06 जुलाई 2025 रविवार से चातुर्मास प्रारंभ।
👉🏻 चतुर्मास में विद्यार्थी जहाँ भी हैं, अनुष्ठान चालू करें | बाल संस्कारवाले भी लग जायें | रोज सारस्वत्य मंत्र का १७० माला जप करें, मौन रहें, ध्यान करें, अकेले में श्वासोच्छवास गिनें….. तो उन बच्चों को प्रमाणपत्र लेकर नौकरी के लिए भटकना नहीं पड़ेगा, नौकरी तो उनके चरणों की दासी बन जायेगी और सफलता उनके चरण चूमने का इन्तजार करेगी | लेकिन मेरे बच्चे, नहीं रहते कच्चे ! वे सफलता के गुलाम नहीं रहते, वे तो भगवान और सद्गुरु के प्यारे रहते हैं |
🛕 चतुर्मास
🚩 चतुर्मास की बड़ी भारी महिमा है, इन बातों को जानकर इस अमृतकाल का लाभ उठाइये।
👉🏻 १] सद्धर्म, सत्संग-श्रवण, सत्पुरुषों की सेवा, संतो के दर्शन, भगवान का पूजन आदि सत्कर्मों में संलग्न रहना और सुपात्र हेतु दान देने में अनुराग होना – ये सब बातें चतुर्मास में अत्यंत कल्याणकारी बतायी गयी हैं |
👉🏻 २] इन दिनों भूमि पर (चटाई, कम्बल, चादर आदि बिछाकर) शयन, ब्रह्मचर्य-पालन, उपवास, मौन, ध्यान, जप, दान-पुण्य आदि विशेष लाभप्रद होते हैं |
👉🏻 ३] जल में आँवला मिलाकर स्नान करने से पुरुष तेजवान होता है और नित्य महान पुण्य प्राप्त होता है |
👉🏻 ४] चतुर्मास में ताँबे के पात्र में भोजन विशेष रूप से त्याज्य है | इन दिनों धातु के पात्रों का त्याग कर पलाश के पत्तों पर भोजन करनेवाला ब्रह्मभाव को प्राप्त होता है, ऐसा शास्त्र में कहा गया है |
👉🏻 ५] इन दिनों में परनिंदा का विशेष रूप से त्याग करें |
👉🏻 ६] चतुर्मास में शादी-विवाह और सकाम यज्ञ नहीं होते | ये चार मास साधन-भजन करने के हैं |
👉🏻 ७] पद्म पुराण में आता है कि जो व्यक्ति भगवान के शयन करने पर विशेषत: उनके नाम का कीर्तन और जप करता है, उसे कोटि गुना फल मिलता है |
👉🏻 ८] चतुर्मास में भगवान विष्णु के सामने खड़े होकर ‘पुरुष सूक्त’ का पाठ करने से बुद्धिशक्ति बढ़ती है |
अगर आपने 4 जुलाई 2025 का पंचांग नहीं पढ़ा है, तो कृपया पढ़ लें।
🕉️🛕🚩 डॉ० बिपिन पाण्डेय, सहा० आचार्य, ज्योतिर्विज्ञान विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय📱8756444444
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